जयपुर.हाईकोर्ट ने आरटेट में 55 प्रतिशत से कम अंक धारकों को
तृतीय श्रेणी शिक्षक के अयोग्य माने जाने के मामले में राज्य सरकार को राहत
नहीं देते हुए एकलपीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया। साथ
ही राज्य सरकार के उस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया जिसमें एकलपीठ के 6
अक्टूबर, 2012 के आदेश पर रोक लगाने की प्रार्थना की गई थी। हालांकि अदालत
ने राज्य सरकार की अपील पर पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश बेला एम. त्रिवेदी की खंडपीठ
ने यह अंतरिम आदेश मंगलवार को दिया। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 6 अक्टूबर के
आदेश से आरटेट में 55 प्रतिशत से कम अंक धारकों को तृतीय श्रेणी शिक्षक के
लिए अयोग्य मानते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह 55 प्रतिशत से
कम अंक वालों को नियुक्ति नहीं दे और नए सिरे से चयन सूची बनाकर जारी करे।
एकलपीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती देते हुए सरकार ने कहा कि सरकार
को यह अधिकार है कि वह अभ्यर्थियों को न्यूनतम प्राप्तांकों में छूट प्रदान
कर सकती है, लिहाजा 55 प्रतिशत से कम अंक धारकों को नियुक्ति दी जाए,
लेकिन खंडपीठ ने सरकार की दलीलों को नकारते हुए एकलपीठ के आदेश पर रोक
लगाने से इनकार कर दिया।
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